होली का त्योहार

भारत देश में अनेक त्योहार मनाया जाता है। उस त्योहार में से होली का त्यौहार कुछ और हैं।

         भारत देश में होली का त्यौहार बड़े धामधूम से मनाया जाता है। भारत में से राजस्थान में होली का बड़े धामधूम से मनाया जाता है। होली का त्यौहार हँसी- खुशी का त्यौहार है। होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।


         भारत देश मे होली का त्यौहार खशाली का त्यौहार है। होली के साथ एक पुरानी कथा जुड़ी हुई है। हिरण्यकशिपु  नाम का एक राक्षस था। उसके प्रहलाद नाम का एक पुत्र था। 
प्रहलाद भगवान का भक्त था। हिरण्यकशिपु को यह पसंद नहीं था कि प्रहलाद भगवान की भक्ति करे। हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को ऐसा वरदान मिला था कि वह आग में न जल सके। हिरण्यकशिपु के कहने पर वह प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। भगवान की कृपा से प्रहलाद बच गया और होलिका जलकर खाक हो गई। उस दिन की याद में होली का त्यौहार मनाया जाता हैं।

होली के दिन साम को स्त्रियां गीत गाती हुई होली की पूजा करती हैं। फिर होली जलाई जाती है। बच्चे - बुढ़े सभी मस्त होकर गाने - बजाने तथा नाचने लगते है। होली के दूसरे दिन धुलेटी का त्यौहार मनाया जाता हैं। इस दिन लोग एक दूसरे परगुलाल और रंग डालते हैं। वे एक दूसरे से गले मिलते हैं।
 चाचा नेहरू होली को राष्ट्रीय त्यौहार मानते थे। वे कहते थे - '' होली के दिन जैसे सभी रंग एक मे मिल जाते है, वैसे ही देश के सभी लोगो को एक होकर रहना चाहिए।''

नवापुरा गाँव में फागण वद १४ तारीख १७/०३/२०२२ ने गुरुवार के दिन रात्रे समय 09 बजकर 05 मिनिट पर होलिका दहन किया गया था। नवापुरा गाँव मे बड़े धामधुम से होलिका दहन का त्यौहार मनाया जाता है। गाँव के सभी लोग अपने अपने घर से गोबर लाकर गाँव के चौक में एकत्रित करते हैं। गोबर का बड़ा सा टिम्बा किया जाता है। 
नवापुरा होलिका दहन 2022⤵️⤵️⤵️⤵️



 ऐसी विशेषता के कारण हमारे देश में होली का त्यौहार बड़े धामधूम से मनाया जाता है। 

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